programme

Vyavaharik Hindi Bhasha

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Course TypeCourse CodeNo. Of Credits
Foundation CoreSUS1FC0064

Course coordinator and team

  1. Does the course connect to, build on or overlap with any other courses offered in AUD?यहकोर्सउच्च्तरभाषादक्षताऔरसमझवालेविद्यार्थियोंकेलिएहै।त्रिस्तरीयहिंदीफ़ाउंडेशनकोर्सकायहसबसेउन्नतकोर्सहै।
  2. Specific requirements on the part of students who can be admitted to this course:(Pre requisites; prior knowledge level; any others – please specify) हिंदीमेंउच्च्तरदक्षता
  3. No. of students to be admitted (with justification if lower than usual cohort size is proposed):
  4. As per University Rules
  5. Course scheduling: (summer/winter course; semester-long course; half-semester course; workshop mode; seminar mode; any other – please specify) Semester Long course, Summer/Winter
  6. Proposed date of launch: How does the course link with the vision of AUD and the specific programme(s) where it is being offered?इसकोर्समेंसाहित्यिकलेखनकेनिर्धारितपाठसामाजिकविज्ञानोंकेशोधऔरचिंतनकेज्वलंतविषयोंसेजुड़ेहुएहैं।कोर्सकेसहारेविद्यार्थीहिंदीमेंसामाजिकविश्लेषणऔरतार्किकचिंतनसीखसकेंगें।साथहीउन्हेंहिंदीकेलोकवृत्तमेंइस्तेमालहोनेवालीहिंदीकेविश्लेषणकाआलोचनात्मकऔज़ारमुहैयाकरायाजासकेगा।
  7. Course Details:

Summary

इसकोर्समेंहमविद्यार्थियोंकोआधुनिकहिंदीसाहित्यकीकहानीऔरकविताविधाओंसेपरिचितकरातेहुएउन्हेंनव्यतरदृष्टिकोणोंमसलनअस्मिताविमर्शोंकीसाहित्यिकअभिव्यक्तियोंसेरूबरूकराएँगे।आधुनिकताकीबहसव्यक्तिकीस्वतंत्रचेतना, व्यक्तिकीइयत्ताऔरव्यक्तिवसमूहकेअंतरसंबंधों-अंतर्द्वंद्वोंसेहोकरगुज़रीहै।वहींदूसरीतरहइसबहसकाएकसिराराष्ट्रनिर्माण, राष्ट्रमेंनागरिककेस्थानऔरस्वाधीनताआंदोलनसेभीजुड़ारहाहै।राष्ट्रनिर्माणमेंशिक्षाकेमहत्वकोपहचानने, जातीयशिक्षाकास्वरूपनिर्मितकरने, हाशिएकेतबक़ोंकोशिक्षाकेदायरेमेंलानेकेसवालऔपनिवेशिककालमेंभीभारतीयमनीषाकाचिंताकाविषयरहेहैं।साथहीराष्ट्रनिर्माणकेबौद्धिकएजेंडेमेंराष्ट्रकोपरिभाषितकरने, राष्ट्रवादकेउभारकेदौरमेंअंध-राष्ट्रवादीरुझानोंपरप्रश्नखड़ाकरनेकीकोशिशेंभीहिंदीकीचिंताधारामेंशामिलरहीहैं।संस्कृतिकाप्रश्नराष्ट्रकीइसीअवधारणासेगहरेजुड़ाहुआहै।इसमाड्यूलमेंहमसंस्कृतिकेइनवभिन्नप्रश्नोंपरविद्यार्थियोंसेनिर्धारितपाठोंकोपढ़तेहुएचर्चाकरेंगे।हिंदीभाषाकेव्यापकप्रसारमेंसिनेमाजैसेलोकप्रियमाध्यमकाअतुलनीययोगदानरहाहै।बोलतीफिल्मोंकीशुरुआतसेअबतककेहिंदीसिनेमापरनज़रडालेंतोहमेंहिंदीकीअनेकछटाएँऔररंगदेखनेकोमिलतेहैं।इनमेंसेभाषाकेचाररंगोंकोचुनकरहमविद्यार्थियोंकोउनकीबारीकियोंऔरसिनेमामेंउनकेअनुप्रयोगोंकेबारेमेंबताएँगे।आजहिंदीमासमीडियाकेसबसेबड़ेमाध्यमोंमेंसेएकहै।नएतरहकेसमाचारआधारितपोर्टलोंऔरसोशलमीडियानेमहत्वपूर्णपूर्णसामाजिकभूमिकानिभानीशुरूकरदीहै।ऐसमेंहिंदीभाषाशिक्षणमेंइनजन-माध्यमोंकीआवश्यकताकेअनुरूपस्वयंकोअभिव्यक्तकरनाहमारेसमयकीज़रूरतबनगयीहै।यहपाठ्यक्रममासमीडियामेंलेखनकेविविधप्रकारोंसेविद्यार्थियोंकोअवगतकराएगाऔरउन्हेंऐसेलेखनमेंप्रशिक्षितभीकरेगा।

Objectives

विद्यार्थियोंकोसाहित्यिकपाठोंकेज़रिएसामाजिकयथार्थकाविश्लेषणकरनेमेंसक्षमबनाना।

उपनिवेशवादविरोधीसांस्कृतिकविचारपरम्परासेपरिचितकराना।

हिंदीभाषाकेसिनेमाईइस्तेमालकेविविधस्तरोंकीपड़ताल।

लोकप्रियजन-माध्यमोंमेंअभिव्यक्तिकेलिएविद्यार्थियोंकोसक्षमबनाना।

Overall structure:

Contents (brief note on each module; indicative reading list with core and supplementary readings)

माड्यूल 1: साहित्यिकलेखन

यहमाड्यूलसाहित्यिकपाठोंकेगहनविश्लेषणकेसहारेछात्रोंकेबीतरसाहित्यिकसम्वेदनशीलतापैदाकरताहै।चूँकिसाहित्यसामाजिकप्रश्नोंसेअलगनहेंहोसकता, इसलिएसाथहीसाथउसकेभीतरइनसाहित्यिकपाठोंकेविश्लेषणकेज़रिएसामाजिकप्रश्नोंकीगहनसमझपैदाहोतीहै।आधुनिकसामाजिकजीवनकेमूलभूतप्रश्नोंयथाजातिगतविषमताकेजटिलस्तर, धार्मिकटकरावकेविभिन्नरूपों, सत्तासंरचनावसमाजकेसाथउसकेसम्बंधऔरसमाजकेभीतरस्त्रीपक्षकोध्यानमेंरखतेहुएसाहित्यिकरचनाओंकोइसमाड्यूलमेंशामिलकियागयाहै।

निर्धारितपाठ:

  1. सलाम [ओमप्रकाशवाल्मीकि]
  2. सिक्काबदलगया [कृष्णासोबती]
  3. भूलग़लती [मुक्तिबोध]
  4. सखिवेमुझसेकहकरजाते ! [मैथिलीशरणगुप्त]

माड्यूल 2: वैचारिकलेखन

इसमाड्यूलमेंशामिलरचनाओंकेअध्ययनसेआधुनिकभारतकेनिर्माणकीप्रक्रियाकीजटिलताकाअनुमानविद्यार्थियोंकोहोगा।हमारेमुल्ककेवर्तमानयथार्थकानिर्माणऔपनिवेशिकटकरावकेज़रिएहुआहै।इसटकरावकेक्रममेंहिंदीकेबौद्धिकोंनेआगामीसमाजकीपरिकल्पनाकामोटाख़ाकाप्रस्तुतकिया।उनकेचिंतनमेंउपनिवेशोत्तरराष्ट्रकानिर्माणएकसमग्रप्रक्रियाकीतरहमौजूदथाजिसमेंआर्थिकस्वावलम्बन, सांस्कृतिकसामंजस्यतथाजनोन्मुखीबौद्धिकताकोनिर्णायकभूमिकानिभानीथी।इनतीनोंहीउद्देश्योंकेलिएशिक्षाकोमहत्वपूर्णउपकरणकेरूपमेंइनबौद्धिकोंनेसमझाथा।

निर्धारितपाठ:

  1. शिक्षाआयोगकेसमक्षगवाही (भारतेंदु)
  2. देशकीबात (महावीरप्रसादद्विवेदी)
  3. साम्प्रदायिकताऔरसंस्कृति (प्रेमचंद)
  4. दिमाग़ीगुलामी (राहुलसांकृत्यायन)

माड्यूल 3:सिनेमामेंहिंदी

हिन्दी सिनेमा हिन्दी भाषा के सबसे बड़े खज़ानों में से एक है। हिन्दी के विविध रंग जानने के लिए सिनेमा में इस्तेमाल हिन्दी के विविध रूपों से विद्यार्थियों का परिचय कराना इस माड्यूल का लक्ष्य है। उर्दू-हिन्दी मिली ‘हिन्दुस्तानी’ जुबान एक तरफ तो दूसरी तरफ संकरीतनिष्ठ हिन्दी। भोजपुरी जैसी बोलियों से सजी हिन्दी एक तरफ तो तो दूसरी तरफ अंग्रेजी के शब्दों से रची हिन्दी। इस माड्यूल में हम लोकप्रिय हिन्दी के विविध रूपों से विद्यार्थियों का परिचय कराते हुए उनसे यह साझा करने की कोशिश करेंगे कि कोई भी जीवंत भाषा लगातार बदलती रहती है और उसके अनेकों रूप प्रचलन में होते हैं।

निर्धारितफिल्में:

  1. उत्सव, निर्देशक: गिरीश कर्नाड, 1984
  2. शतरंजकेखिलाड़ी, निर्देशक: सत्यजित रे, 1977
  3. तीसरीक़सम, निर्देशक: बासु भट्टाचार्य, 1966
  4. क्वीन, निर्देशक: विकास बहल, 2014

माड्यूल 4: मीडियामेंहिंदी

नए दौर में मीडिया में हिन्दी की उपस्थिती बढ़ी है। हिन्दी भाषा में बड़ी तादात में ब्लॉग, सोशल मीडिया और वेब पोर्टलों की मौजूदगी ने न सिर्फ बड़े हिन्दी पाठक समुदाय का निर्माण किया है बल्कि बड़ी मात्रा में हिन्दी में लेखन भी हो रहा है। इस माड्यूल में हम विद्यार्थियों को हिन्दी में लेखन का प्रशिक्षण देंगे। विभिन्न अखबारों या न्यूज पोर्टलों पर नए किस्म की भाषा में नए कथ्य के साथ हिन्दी में लेखन हो रहा है। इस लेखन से चुनिन्दा सामग्री लेते हुए, उसका विश्लेषण करते हुए हम विद्यार्थियों को फीचर, रिपोर्ट, समाचार और अन्य किस्म के लेखन का भेद बताएँगे और उन्हें इन विधाओं में लिखें को प्रेरित करेंगे। इस माड्यूल में हमारा ज़ोर निम्नांकित चार तरह के लेखन पर होगा:

1: फीचरलेखन

2: रिपोर्टलेखन

3: समाचारलेखन

4: विज्ञापनलेखनआदि

सहायकपाठ/सामग्री :

1: सामाजिक क्रान्ति के दस्तावेज़, संपादक: शंभुनाथ, वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 2004

2: http://www.hindisamay.com/

3: मीडिया की भाषा लीला,रविकांत,वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 2017

4: शहर और सिनेमा, मिहिर पाण्ड्या, वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 2011

5: हिंदी दलित साहित्य: एक मूल्यांकन, सम्पादक: डॉक्टर प्रमोद कोवप्रत, वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 2016

6: स्त्री अस्मिता: साहित्य और विचारधारा, सम्पादक: सुधा सिंह, आनंद प्रकाशन, कोलकाता, 2004

7: रस्साकशी, वीर भारत तलवार, सारांश प्रकाशन, दिल्ली, 2002

8: भारतेंदु हरिश्चंद और हिंदी नवजागरण की समस्याएँ, रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, 2004

9: महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण, रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2008

10: समाचार एवं प्रारूप लेखन, डॉक्टर रामप्रकाश, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली, 2004

Pedagogy:

उपरोक्तप्रथमदोमाड्यूलोंमेंशामिलपाठोंकाअध्यापनकरतेहुएइसरचनाओंसेजुड़ेहुएआनुशंगिकप्रसंगोंसेविद्यार्थियोंकोपरिचितकरानेकेलिएकक्षामेंपाठकेविश्लेषणकेअतिरिक्तबहस-मुबाहिसाभीसंचालितकियाजाएगा।इनपाठोंकीअंतरअनुशासनिकताकोध्यानमेंरखतेहुएविश्वविद्यालयमेंउपलब्धयाबाहरकेविद्वानोंकेअतिथिव्याख्यानभीकराएजानेअपेक्षितहोंगे।तीसरामाड्यूलफ़िल्मदिखानेऔरउसपरभाषाकेलिहाज़सेबहससंचालितकरनेपरकेंद्रितहोगा।चौथेमाड्यूलमेंमीडियासेजुड़ेविशिष्टविद्वानोंकोबुलाकरकार्यशालाएँआयोजितकरायीजाएँगी।

  1. Special needs (facilities, requirements in terms of software, studio, lab, clinic, library, classroom/others instructional space; any other – please specify)
  2. Library, Class rooms, Projector, Audio-Visual Teaching Aids.
  3. Expertise in AUD faculty or outside
  4. AUD faculty and other sources of learning
  5. Linkages with external agencies (e.g., with field-based organizations, hospital; any others)
  6. Academies, Media and Communication experts.

Assessment structure (modes and frequency of assessments)

Normally evaluation situation will constitute three assessments of weightage 30%, 30% & 40%.Assessment will take place continuously and will include assignments, class tests, presentations, mid-semester and end-semester exams.